सभी भारतवासीयों को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाए
मित्रो, कल हमारा 73 वा स्वतंत्रता दिवस है । हम हर साल 15 अगस्त बडे ही हर्षोउल्हास के साथ मनाते है । 15 अगस्त 1947, जी हां 15 अगस्त 1947 इसी दिन इस महान देश को अंग्रेजो से आजादी मिली थी और हम सब आजाद हुए थे। इसलीए यह दिन हम ' स्वतंत्रता दिवस ' के रूप में मनाते है । यह बात हम सभी जानते है और इस में कोई दोहराए नहीं है की इस महान देश को आजादी दिलाने में हमारे स्वातंत्र सेनानियो का बहुत बडा योगदान था । हम सभी जानते है की हमारी ये जिंदगी उन्ही की देन है । आज अगर हम खुली हवा में सांस ले रहे है तो ये सब उनकी ही कृपा है । अगर वो ना होते तो आज ये दिन मनाने के लिए शायद हम भी ना होते । ऐसा कहना गलत नहीं हॊगा की हमारे जीवन का आधार उन्होने तय किया है । मित्रो, आज हम बडे गर्व के साथ कहते है की हम आजाद है । पर क्या यह सच है ? क्या हम सचमूच में आजाद है ? क्या आपको लगता है जिस आजादी को पाने के लिए हमें 150 साल तक इंतजार करना पडा उस आजादी को हम टिकाये हुए है ? क्या आप को लगता है जिस आजादी को पाने के लिए हमारे वीरों ने अपने प्राणो की पर्वा न करते हुए इस देश के लिए अपने खून का एक एक कतरा बहा दिया और एक खुशहाल देश का सपना देखा ? नहीं मित्रो, नहीं । ये वो आजादी नहीं है जो हमें विरासत में मिली । जो आजादी हम जी रहे है उसका रंग तो अलग ही है । इस रंग में वो खून नहीं है जिसे बहाते वक्त वंदे मातरम मुह से निकला था, इस रंग मे वो शहादत नहीं है जिसे इमानदारी और एकता के कार्य में लिपट कर देश के लिए बलिदान दिया था । मित्रो, यह रंग उस रंग से हर मामले में अलग है। इस रंग में तुम्हें
स्वार्थ
लालच
जात-पात
भेदभाव
अपराध
भ्रष्टाचार
सिर्फ और सिर्फ यही चीजे दिखाई देगी । माफ करना पर यह सच है । आज की आजादी का असली रंग यही है । मै ये नहीं कहता की आज के सभी लोग इन चीजो को बढावा दे रहे है । नहीं, कुछ लोग आज ऐसे भी है जो देशहित में कार्य करते है और इन्ही अच्छे लोगो की वजह से ही आज ये महान देश टिका हुआ है वरना बेईमान लोगो से तो ये देश इतना ज्यादा भरा हुआ है की इस देश को समाप्त होने में ज्यादा समय भी नहीं लगता । Thanks to THOSE GOOD PEOPLE on whose STRONG SHOULDERS, THIS GREAT COUNTRY stands on . Thank you very much .
मै फिर से एक बार माफी चाहता हूं । हो सकता है मेरे ये कहने से आप को बुरा लगा हो । पर मित्रो, यह एक सच्चाई है और इसे आप भी अच्छे तरह जानते है । आज समाज में क्या हो रहा है इससे हर कोई वाकीफ है । मुझे पुरा बायोडेटा देने की जरूरत भी नहीं है । आज समाज में जो हो रहा है उसके आधार पर मेरे पास कुछ ऐसे सबूत है जो ये साबित कर देंगे की जिस आजादी में हम सांस ले रहे है वो 1947 वाली आजादी नहीं है ।
इसकी शुरुआत मै EDUCATION SYSTEM से करुंगा । हम सभी जानते है शिक्षा हम सब का अधिकार है । शिक्षा हमारे जीवन की नीव है , हमारे भविष्य की बुनियाद है । SCHOOL , COLLEGES ये वो मंदिर है जहाँ हमें शिक्षा मिलती है । पर क्या आपको पता है आज इन्ही मंदिरो पे भ्रष्टाचार के बादल छाए हुए है । जी हां जिन SCHOOL , COLLEGES में हम स्वतंत्रता दिवस पुरे हर्षोउल्हास के साथ मनाते है वहाँ आज भ्रष्टाचार साप की तरह कुंडली मार के बैठा है । जहाँ मै रहता हूं वहाँ के SCHOOL , COLLEGES मै STUDENTS copy, cheatings कर के BOARD EXAM पास कर रहे है और इससे भी बडी बात TEACHERS जो हमारी जीवन की नैय्या पार लगाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है वही आज STUDENTS को copy, cheatings जैसी चीजे मुवैया करा रहे है । TEACHERS कुछ पढाते नहीं है और exam आने पर students की मदद करते है । इस के बारे में सब को पता है । पर सब के मुह बंद है । मैने इसके बारे में बहुत कुछ करना चाहा और अभी भी कर रहा हूं । लेकीन मुझे किसी का साथ नहीं है । अब आप ही बताये SCHOOL, COLLEGES जहाँ पे हम स्वतंत्रता दिन बडे ही धूम धाम से मनाते है , जहाँ पे महात्मा गांधी, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, पं. जवाहरलाल नेहरू, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. कलाम इन विरों की प्रतिमाओ पे हार अर्पन कर के हम बडी बडी बाते करते है और वो भी स्वतंत्रता दिन जैसे पावन अवसर पर । क्या ये उनका अपमान नहीं है ? एक तरफ बडी बाते और दुसरी तरफ भ्रष्टाचार क्या ये नाटक नहीं है ? क्या यही दिन देखने के लिए उन्होने हमें आजादी दिलवाई । क्या इसी खुशहाल भारत का उन्होने सपना देखा था ? जी नहीं । एक अच्छा भारत तो उन्होने हमें दिया था पर हम आज दुसरे भारत में जी रहे है । माफ करना पर यह सच्चाई है । इसलीए हमें कोई हक नहीं है की स्वतंत्रता दिन के इस पावन अवसर पर हम उनको याद करे और उनकी आत्माओ को ठेस पहुचाए । अरे, वो भी उपर से देखते होंगे तो यही कहते होंगे
THIS is not OUR INDIA which WE liberated from BRITISH RULES. THIS is NEW INDIA
और एक बात EDUCATION SYSTEM सिर्फ हमारे गाव में ही नहीं बलकी महाराष्ट्र के almost सभी गावो में खराब है । पर नेता कुछ कर नहीं रहे । सिर्फ बोल बच्चन देने में लगे हुए है । और हमारे education system में और क्या क्या हो रहा है ये तो आप सभी जानते है । मै जानता हूं देश चलाना कोई खाने की बात नहीं है । पर अगर ठान ले तो सब कुछ ठीक किया जा सकता है । हमारी आजादी इस बात का एक उत्तम उदाहरण है ।
मेरा दुसरा मुद्दा है स्वच्छता । स्वच्छ परिसर हम सब का अधिकार है । और ये भी सच है की हर नागरिक का यह कर्तव्य है की वो अपना परिसर साफ और स्वच्छ रखे । पर अगर नागरिक अपना कर्तव्य निभा रहा हो और प्रशासन इस बारे में लापरवाही दिखा रहा हो तो। आपको पता है हमारे यहा लोग खुले में शौच के लिए बैठते है । और वो भी ज्यादा दूर नहीं घरो से 15 - 20 के कदमो के फासलो पर और तो और नदीयौ को भी नहीं छोडा इन्होने । फिर भी प्रशासन चूप बैठा है । जहाँ पर स्वच्छता अभियान की मोहीम जोरो शोरो से चालू है वहा पर एक सच्चाई ये भी है । क्या यही हमारी आजादी है ? नहीं । ये सब एक देखावा है । एक बात बोलू गावो में हालात बहुत ही बदतर है ।
मेरा तिसरा और आखरी मुद्दा है इस देश का नेता । हम सभी को ऐसा नेता चाहीये होता है जो हमारे दुख दूर कर सके, जो हमारी भावनाओ को समज सके । मुझे नहीं पता पर हमारे और almost सभी गावो में नेता लोगो को पैसे देकर चुनाव जितता है , लोगो में दारू बटवाई जाती है , उन्हे अच्छा अच्छा खाना खिलवाया जाता है । हो सकता ये सूनकर आप को हंसी आये और आप से कोई एक हसने वाला emoji भेज दे । पर मित्रो, ये हसने वाली बात नहीं है । यह इस देश का दुर्भाग्य है की इस देश को वो लग चला रहे है जिन्हे इस देश का इतिहास भी पता नहीं है । अब बताईए , क्या यही हमारी आजादी है?
जिस पर भरोसा करके हम उन्हे वोट देते है अगर वो ही हमारी समस्याओ को दूर ना करे तो क्या फायदा ऐसी आजादी का ? इससे तो गुलामी अच्छी है ।
मै मानता हूं की कई क्षेत्र में कुछ नेता अच्छा कार्य कर रहे है । पर कुछ ही क्षेत्र । जैसे नेता बोलते है की वोट सबका अधिकार है और सबको वोट डालना चाहीए । फिर कुछ ही क्षेत्र विकास की राहो पर क्यों है । हर क्षेत्र क्यों नहीं ? देश सबका है तो विकास भी हर जगह होना चाहीए । सबको पानी, बिजली, घर, काम, मिलना चाहीए । क्योकीं सभी वोट डालते है । वो इसी आशा में रहते है की उनका जीवन भी बेहत्तर हो । पर ऐसा नहीं हो रहा । अब बताईए, क्या यही आजादी है ?
मै बस इतना कहना चाहता हूं की हमें कोई हक नहीं है उन महान लोगो को जिन्होने इस देश को आजादी दिलवाई उन्हे इस स्वतंत्रता दिन के पावन अवसर पर याद करे । ऐसा कर के हम उनका अपमान ही कर रहे है । अगर मै गलत हूं तो आप मुझे बताईए हम में से कितने है जो सच्चाई के मार्ग पर चल रहे है , हम में से कितने है जो महात्मा गांधी, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, स्वातंत्र्यवीर सावरकर, सरदार पटेल, भगत सिंग के बताये हुए मार्ग पर चल रहे है ? बहुत कम । और वैसे भी हम सिर्फ स्वतंत्रता दिन, गणराज्य दिन और जयंती के अवसर पर ही उन्हे याद करते है और बडे बडे भाषण देते है । बाकी दिन तो मुझे नहीं लगता की हम में से कोई उन्हे याद भी रखता हॊगा । और हा, यहाँ बात याद करने की नहीं है । यहाँ बात उनके संस्कारो की है । अगर हम उन्होने बताये हुए मार्ग पर चले रहते तो देश में
स्वार्थ
लालच
जात-पात
भेदभाव
अपराध
भ्रष्टाचार
यह असामाजिक तत्व जनम नहीं लेते जो इस महान देश को ले डूब रहे है । मित्रो, अंग्रेजो से तो हमें आजादी मिली पर ये वो असामाजिक तत्व जिससे हम पार नहीं पा सकते । क्योकीं इनकी जडे इतनी भीतर तक गई हुई है की उन्हे वापस लाना मुश्किल है क्योकीं हमारी आंखो पर झूठ का चष्मा इस कदर छाया हुआ है की कोई आगे आने की हिम्मत करेगा और एक बार फिर हमें आजादी दिलायगा । हो सकता है यह मेरी बाते आपको एक नेता का दिया हुआ भाषण लगे । पर यही सच्चाई है । अगर सच में हमें पहले जैसा भारत चाहीए तो हमें इन महान आत्माओ की बताये हुए राह पर चलना हॊगा । तभी जाके इनकी आत्माओ को शांती भी मिलेगी, नये भारत का निर्माण भी हॊगा और हमें सही मायने मे आजादी मिलेगी । बस मुझे यही कहना था । अगर मेरे बोलने से किसी को भी ठेस पहुची हो तो मुझे माफ कर देना । Thank you .
फिर से एक बार
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाए
जय हिंद जय भारत 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳
I love MY INDIA 🙏 🙏
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